शहर में एक नया आर्थिक घोटाला सामने आया है, जिसमें गुप्ता जी एवं साथी पारस नाम के व्यक्ति पर आरोप है कि उसने 'इस्टेप मिंट' नाम की क्रिप्टो के जरिए राजेश त्रिवेदी से ₹3.5 लाख की ठगी की। पीड़ित का आरोप है कि यह स्कीम क्रिप्टो करेंसी में जल्द और भारी मुनाफा दिलाने का दावा करती थी, लेकिन यह पूरी तरह से भ्रामक और धोखाधड़ी पर आधारित निकली।
राजेश त्रिवेदी के अनुसार, गुप्ता जी ने उन्हें भरोसे में लेकर कहा कि "इस्टेप मिंट" के ज़रिए वे कुछ ही महीनों में दोगुना पैसा कमा सकते हैं। लेकिन रकम देने के बाद न तो कोई लाभ मिला और न ही रकम वापस हुई।
यह केवल एक मामला नहीं है — सूत्रों के अनुसार बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों में भी कई लोग इसी तरह के जाल में फंस चुके हैं। ऐसी योजनाओं के ज़रिए न केवल लोगों से पैसा ऐंठा जा रहा है, बल्कि उन पैसों का उपयोग संदिग्ध रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है।
साइबर सेल और आर्थिक अपराध शाखा से इस मामले की जांच की जा रही है। यदि इस पूरे रैकेट की गहराई से जांच की जाए, तो यह एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर सकता है। यह रैकेट चैन सिस्टम पर काम करता है
प्रारंभिक जानकारी के आधार पर यह स्कीम क्रिप्टो फ्रॉड की तरह प्रतीत होती है, जिसमें पहले निवेशकों को थोड़ा लाभ देकर औरों को लुभाया जाता है, लेकिन बाद में पूरा सिस्टम ढह जाता है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस से उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द इस पर सख्त कार्रवाई करें।
